आज की नारी







हुलस हुलस कर रूप सँवारे
तेज लुढ़कते यौवन में
चारों बच्चे भूखे लोटे
धूल भरे से आँगन में,
हाय रे ऐसी सुंदर नारी
रह जाना था तुझे कँवारी
कह देना था बाबूल से कि
सुंदरता की तुझे बिमारी,
तुझे बिमारी टीवी-सीरियल
म्युजिक होमथियेटर की
तुझे बिमारी फेसबुक की
व्हाट्सअप और ट्वीटर की,
सेल्फी लेते दिन बीते
और,एडिटिंग में रातें
जाने किस-किस से करती हो
हैंगआउट्स पर बातें,
सुबह-सुबह तु जौगिंग जाती
शाम को जाती डेटिंग पर
मेहनत करती रहती हरदम
फेसबुक की रेटिंग पर,
बच्चों बाले दूध के पैसे
इंटरनेट में जाते हैं
फूली नहीं समाती
फोटो पर कमेंट्स जब आते हैं,
ब्वायफ्रेंड्स को सोना बाबू
पति की माला कंठन में
चारों बच्चे भूखे लोटें
धूल भरे से आँगन में।