कि जो तु मुस्कुराती है


कभी कोठे पे आती है कभी खिड़की पे आती है,
बड़ी कमसिन सी लगती है कि जो तू मुस्कुराती है।
तमन्ना दिल में होती है तुझे पाने कि जाने जाँ,
दुपट्टे को गिरा केदिल पे जो छूरियां चलाती है
बना डाला है दीवाना यहाँ पे तुमने सबको ही, सभी दिल थाम लेते हैं
जो तु नजरें मिलाती है। तुम्हारे हुश्न कि चर्चे शहर में जोर पकड़े हैं,
तेरी गलियों में दिवानो की टोली रोज आती है।
तेरे यौवन के नक़्शे हैं कसम से रौंदने वाली ,
हर रात सपनो में मुझे कर जाती है खाली।
पलकें बिछाए हम भी हैं बैठे यहाँ कब से ,
बताने को तूझे,तु फूल हैतो हम भी हैं माली।