तू मुझसे रूठ जाती है ,
हमेशा ही तो क्या समझूँ ,
तू मुझको छोड़ जाती है
कभी -कभी तो क्या समझूँ ,
कहीं मुझको भुलाने का
इरादा तो नहीं तेरा ,
तू मेरे पास ना आती है
कभी भी तो क्या समझूँ ,
भुला देना मुझे पर याद
ये रखना हमेशा तुम -२
कभी जो पास ना आये मेरी
बाहों में दो पल को ,
तो फिर ऐसी जुदाई को ,
जुदाई मैं क्या समझूँ।