आज का विचार




चेहरे की शिकन मिटाकर चल,
सारे गमों को भुलाकर चल,
कमजोर मत बन, अपने हौसले को बुलंद कर,
ज़िंदगी को जी तू सिकंदर बनकर,
क्योंकि,
हर रात एक घना अंधेरा आता है,
मगर,
उसी रात के बाद एक सबेरा आता है,
जो होती है अंधेरे पर उजाले की जीत,
जो लेकर आती है एक नई उम्मीद
अगर,तुम ने भी अपने अंदर उम्मीद जगा लिया
तो समझ कि खुद को आदमी बना लिया।
__ मनीष सोलंकी

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