ज़ुल्फ़ों के जूं


जुल्फें हो काली रात तो ,तारे तेरी जुल्फों के जूं ;
जुल्फें हो हो सागर की लहर ,मोती तेरे जुल्फों के जूं ;
जुल्फें अगर घटा हो तो ,बूँदें तेरी जुल्फों के जूं ;
जुल्फें हो गर झाड़ी तेरी , शबनम तेरी जुल्फों के जूं ;
कितना मनोहर दृश्य है ,कैसे कहूँ और क्या कहूँ ?
शब्द फीके  पड़ रहे , अनमोल हैं जुल्फों के जूं। 


जीवन ; एक संघर्ष पेट की खातिर
इजहारइजहार-२
इजहार-३ ब्रेकअप पार्टी
विवाह वासना की उपासाना
नारी देश के दुश्मन
कि जो तु मुस्कुराती है अब कहा
ऐसी जुदाई क्या खूब लड़े नैना मेरे
बदहाल पश्चाताप
पत्नी - देवी उमंग
Desire इश्क घटनाक्रम
बसंती हवा अचरज
ये जमाना हनीमून
विनय दिल मांगे मोर
व्यथा मुझको मेरा प्यार मिला
जुल्फों के जूं अधूरे सपने
निराशा सखे
ग़ज़ल जननी
मैं कलाकार, संगमरमर बदन