नौ माहे गर्भस्थ को राख्यो ,
फिर ,वक्ष -स्थल राख्यो चिपकाए ;
दुग्धामृत से सिंचित करयो ,
आँचल तल में रखा छुपाए।
थपकी दे - दे लोरी गायो ,
बड़े जतन से दियो सुलाए ;
स्वयं जाग्यो रैना सारी ,
सोच के लल्ला जाग न जाए।
खोयो अपनी सुधि ,समर्पित
रहने पालन -पोषण को ;
जननी तेरी महिमा अदभुत ,
सोलंकी से लिखी न जाए ....
फिर ,वक्ष -स्थल राख्यो चिपकाए ;
दुग्धामृत से सिंचित करयो ,
आँचल तल में रखा छुपाए।
थपकी दे - दे लोरी गायो ,
बड़े जतन से दियो सुलाए ;
स्वयं जाग्यो रैना सारी ,
सोच के लल्ला जाग न जाए।
खोयो अपनी सुधि ,समर्पित
रहने पालन -पोषण को ;
जननी तेरी महिमा अदभुत ,
सोलंकी से लिखी न जाए ....